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मिररलेस कैमरा

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मिररलेस कैमरा या दर्पण रहित विनिमेय-लेंस कैमरा एक ऐसा डिजिटल कैमरा है जिसमें एक पारंपरिक डिजिटल सिंगल-लेंस रिफ्लेक्स कैमरा (डीएसएलआर) के जैसे रिफ्लेक्स दर्पण और ऑप्टिकल व्यूफ़ाइंडर नहीं होता है |

रिफ्लेक्स दर्पण का कार्य होता है अपने ओर आने वाले प्रकाश को परावर्तित कर ऑप्टिकल व्यूफाइंडर पर भेजना जिससे उस विशेष दृश्य को देखा जा सके और इसके न होने के कारण ही मिररलेस कैमरे वजन में बहुत ही हलके होते हैं |

निकॉन Z7 मिररलेस कैमरा

मिररलेस कैमरा में लेंस बदलने की सुविधा होती है और कैमरा के लेंस माउंट के हिसाब से लेंस लगाये जा सकते हैं |

इन कैमरों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इनमें इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर[1] होता है जो बिलकुल वही वास्तविक दृश्य को दिखाता है जैसा कैमरा देखता है |

व्यावसायिक रूप से पहला मिररलेस कैमरा पैनासोनिक का लुमिक्स DMC-G1 था जिसे अक्टूबर 2008[2] में जापान के बाज़ारों में उतारा गया था | यह माइक्रो फोर थर्ड सिस्टम पर आधारित अपने तरह का एक पहला कैमरा भी था जो विशेष रूप से मिररलेस सिस्टम के लिए विकसित किया गया था |

सन २०२० में सोनी, कैनन, निकॉन, पैनासोनिक, ओलम्पस, फूजी, लाइका, पेंटाक्स और सिग्मा के ढेरों मिररलेस कैमरे बाज़ार में उपलब्ध हैं |

कार्यप्रणाली

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# कैमरे का लेंस # पलटा दर्पण (reflex mirror) # फोकल-प्लेन शटर # छवि संवेदक (Sensor) # मैट फोकस स्क्रीन # संघनित्र शीशा # पेंटाप्रिज्म # दृश्यदर्शी (viewfinder)


किसी डीएसएलआर[3] कैमरा में लेंस (1) के माध्यम से प्रकाश भीतर कैमरे में प्रवेश करता है एक पलटा दर्पण (2) से टकराता है जो सेंसर (4) के सामने स्थित है | पलटा दर्पण से टकरा कर प्रकाश ऊपर स्थित मैट फोकस स्क्रीन (5) और संघनित्र शीशा (6) से होते हुए पेंटाप्रिज्म (7) में दिखाई देता है जो फिर इसे दृश्यदर्शी (8) तक पहुंचाता है|

लेकिन एक मिररलेस कैमरा में दर्पण, मैट फोकस स्क्रीन, संघनित्र शीशा और पेंटाप्रिज्म नहीं होता है इसीलिए लेंस के माध्यम से आने वाली रोशनी सीधे सेंसर तक जाती है जो डिजिटल सूचना को कैमरे के पीछे स्थित इलेक्ट्रॉनिक दृश्यदर्शी या एलसीडी स्क्रीन पर ले जाती है|

मिररलेस कैमरे बेहतर ऑटोफोकस कर सकते हैं पर इनकी बैटरी[4] बड़ी कमज़ोर होती है |

मिररलेस कैमरा तीन प्रकार के होते हैं

1. पूर्ण फ्रेम सेंसर कैमरा

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पूर्ण फ्रेम[5] कैमरे में प्रयुक्त सेंसर[6] के आकार को संदर्भित करता है जिसके आयाम 35 मिमी फिल्म समान होते हैं (36 मिमी × 24 मिमी) |

पूर्ण फ्रेम सेंसर कैमरे में बेहतर छवि गुणवत्ता होती है और वे उच्च आईएसओ में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं |

सोनी अल्फा A7R IV, निकॉन Z7 और कैनन ईओएस आर.पी. कुछ पूर्ण फ्रेम सेंसर मिररलेस कैमरा हैं |

2. क्रॉप सेंसर कैमरा

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क्रॉप सेंसर कैमरा का सेंसर पूर्ण फ्रेम या 35 मिमी फिल्म फ्रेम की तुलना में छोटा होता है और इसे APS-C भी कहा जाता है |

सोनी और निकॉन के क्रॉप सेंसर कैमरों का सेंसर आकार 23.5 x 15.6 मिमी है वहीँ कैनन का आकार 22.2 x 14.8 मिमी होता है |

इस प्रकार के कैमरों में पूर्ण फ्रेम की अपेक्षा फील्ड ऑफ़ व्यू कम होता है और ऐसे कैमरे कम प्रकाश में बेहतर परिणाम नहीं दे पाते हैं |

सोनी A6100, सोनी A6600, कैननM 200 जैसे कुछ क्रॉप सेंसर कैमरा हैं |

3. माइक्रो फोर थर्ड्स कैमरा

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माइक्रो फोर थर्ड्स कैमरा[7] का सेंसर आकार पूर्ण फ्रेम और क्रॉप सेंसर से छोटा (17.3 मिमी × 13.0 मिमी) होता है |

पैनासोनिक लुमिक्स जीएच 5 एस, ओलंपस ओएम-डी ई-एम 1 मार्क II और पैनासोनिक लुमिक्स जी 9 कुछ ऐसे ही कैमरे हैं |

सन्दर्भ

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  1. https://www.sony.com/en-kw/electronics/compact-mirrorless-cameras
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  7. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.

बाहरी कड़ियाँ

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