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लौआ

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लौआ
मादा (बायें) तथा नर (दायें)।
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जंतु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: पक्षी
गण: गॉलिफ़ॉर्मिस
कुल: फ़ॅसिअनिडी
उपकुल: पर्डिसिनी
वंश: पर्डिक्युला
जाति: पी. एशियॅटिका
द्विपद नाम
पर्डिक्युला एशियॅटिका
लेथम, १७९०

लौआ[2][3] (Jungle Bush Quail) (Perdicula asiatica) बटेर परिवार का एक पक्षी है जो भारत और श्रीलंका में पाया जाता है और अब नेपाल से विलुप्त हो गया है।[1] इसके आहार में अधिकतर घास के बीज होते हैं लेकिन इसे कीड़े-मकोड़ों से भी कोई परहेज़ नहीं है। नर और मादा में फ़र्क यह है कि जहाँ नर का अगला भाग सफ़ेद और काली धारियों से भरा होता है वहीं मादा का अग्र भाग लाली लिए हुए होता है। यह समुद्र सतह से चार से पाँच हज़ार फ़ुट की ऊँचाई तक घने जंगलों में, पर्वतीय इलाकों में, ऊबड़-खाबड़ मैदानों में, ऊसर ज़मीन में और ऐसे खेतों में जहाँ ज़्यादा पानी न हो, में पाया जाता है।[4] इसकी लंबाई लगभग १६ से १८ से.मी. होती है और वज़न लगभग ५७ से ८१ ग्राम होता है।[5] लौआ मादा अपना घोंसला ज़मीन पर ही बनाती है और एक बार में ४ से ७ अण्डे दे सकती है लेकिन औसतन ५ से ६ अण्डे ही देखने को मिलते हैं।[6]

चित्र दीर्घा

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सन्दर्भ

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  1. BirdLife International (2012). "Perdicula asiatica". IUCN Red List of Threatened Species. Version 2012.2. International Union for Conservation of Nature. अभिगमन तिथि १७ मई २०१३.
  2. anonymous. Indian Bird Names. ENVIS centre Bombay Nat. Hist. Society. पृ॰ ६९. मूल से 3 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १७ मई २०१३. नामालूम प्राचल |archived by= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  3. Hume, A.O.; Marshall, C.H.T. (1880). Game Birds of India, Burmah and Ceylon. II. Calcutta: A.O. Hume and C.H.T. Marshall. पृ॰ १०९.
  4. Hume, A.O.; Marshall, C.H.T. (1880). Game Birds of India, Burmah and Ceylon. II. Calcutta: A.O. Hume and C.H.T. Marshall. पृ॰ ११२.
  5. Hume, A.O.; Marshall, C.H.T. (1880). Game Birds of India, Burmah and Ceylon. II. Calcutta: A.O. Hume and C.H.T. Marshall. पृ॰ ११६.
  6. Whistler, Hugh (1949). Popular Handbook of Indian Birds (IV संस्करण). London: Gurney and Jackson. पृ॰ ४२७.