"दयाराम साहनी": अवतरणों में अंतर

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[[राय बहादुर]] '''दयाराम साहनी''' (१६ दिसम्बर १८७९ – ७ मार्च १९३९) भारतीय [[पुरातत्वशास्त्र|पुरातत्त्ववेत्ता]] थे जिन्होंने वर्ष १९२१-२२ में [[हड़प्पा]] में खुदाई का नेतृत्व किया जो [[सिंधु घाटी सभ्यता|सिन्धु घाटी की सभ्यता]] का प्रमुख स्थान है। इस नवीनतम स्थान के प्रकाश में आने के उपरांतउपरान्त यह मान लिया गया कि संभवतः यह सभ्यता [[सिन्धु नदी]] के घाटी तक ही सीमित है, अतः इस सभ्यता का नाम 'सिन्धु घाटी की सभ्यता' या 'सैंधव सभ्यता' रखा गयागया। [[जॉन मार्शल (पुरातत्वशास्त्री)|जॉन मार्शल]] के सहायक के रूप में वर्ष १९३१ में साहनी प्रथम भारतीय बने जिन्हें [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण|भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग]] का महानिदेशक नियुक्त किया गया। वोवे सन् १९३५ तक इस पद पर रहे। लगभग एक वर्ष के बाद सन् 1922 में श्री [[राखालदास बनर्जी]] ने खुदाई के समय एक और स्थान का पता लगाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात कही है कि यह एक ऐसी ही एक और बात है कि वह 6 में चीन के साथ ही साथ ही यह भी कहा कि
 
==सन्दर्भ==