दयाराम साहनी
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राय बहादुर दयाराम साहनी (१६ दिसम्बर १८७९ – ७ मार्च १९३९) भारतीय पुरातत्त्ववेत्ता थे जिन्होंने वर्ष १९२१-२२ में हड़प्पा में खुदाई का नेतृत्व किया जो सिन्धु घाटी की सभ्यता का प्रमुख स्थान है। इस नवीनतम स्थान के प्रकाश में आने के उपरांत यह मान लिया गया कि संभवतः यह सभ्यता सिन्धु नदी के घाटी तक ही सीमित है अतः इस सभ्यता का नाम सिन्धु घाटी की सभ्यता या सैंधव सभ्यता रखा गया जॉन मार्शल के सहायक के रूप में वर्ष १९३१ में साहनी प्रथम भारतीय बने जिन्हें भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग का महानिदेशक नियुक्त किया गया। वो सन् १९३५ तक इस पद पर रहे। लगभग एक वर्ष के बाद सन् 1922 में श्री राखालदास बनर्जी ने खुदाई के समय एक और स्थान का पता लगाया।
राज बहादुर दयाराम साहनी CIE | |
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जन्म |
16 दिसम्बर 1879 भेड़ा, पंजाब, ब्रितानी भारत (अब पाकिस्तान में) |
मृत्यु |
7 मार्च 1939 जयपुर, जयपुर राज्य (अब राजस्थान में) | (उम्र 59)
प्रसिद्धि |
हड़प्पा की खुदाई influences = जॉन मार्शलoccupation = संस्कृत के विद्वान, पुरातत्ववेत्ता |
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- "Obituary" [मृत्युलेख] (PDF). करंट साइंस (अंग्रेज़ी में).
पूर्वाधिकारी हेरोल्ड हरग्रेव्स |
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक 1931-1935 |
उत्तराधिकारी जॉन फ्रांसिस ब्लैकिस्टन |