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"ओरायन नीहारिका": अवतरणों में अंतर

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'''ओरायन नीहारिका''' अथवा '''ओरायन नेबुला''' (Orion Nebula), जो '''मेसियर 42''', '''एम42''', या '''एनजीसी 1976''' के नाम से भी जानी जाती है, हमारी [[आकाशगंगा]] में स्थित एक [[विसरित नीहारिका]] है। यह [[कालपुरुष तारामंडल |ओरायन नक्षत्रमण्डल]] में [[कालपुरुष का कमरबन्द |ओरायन के बेल्ट]] के दक्षिण में [[ओरायन की तलवार]] के मध्य स्थित है। {{Ref label |B |b |none}} यह सबसे चमकीली [[नीहारिका |नीहारिकाओं]] में से एक है और रात के आकाश में [[नग्न आँख |नग्न आंखों]] से भी दिखाई देती है। हमारी [[पृथ्वी]] से {{Convert |1,344 |+/- |20 |ly |pc |lk=on}} की दूरी पर स्थित<ref name="arxiv0902">{{Cite journal |last=रीड |first=एम. जे. |last2=मेन्टेन |first2=के. एम. |last3=झेंग |first3=एक्स. डब्ल्यु. |last4=ब्रुन्थैलर |first4=ए. |last5=मोस्काडेली |first5=एल. |last6=क्जु |first6=वाई. |last7=झांग |first7=बी. |last8=सातो |first8=एम. |last9=होन्मा |first9=एम. |displayauthors=1 |date=2009 |title=Trigonometric Parallaxes of Massive Star Forming Regions: VI. Galactic Structure, Fundamental Parameters and Non-Circular Motions |trans-title=विशाल तारा निर्माण क्षेत्रों के त्रिकोणीय लंबन: ६ - गांगेय ढाँचे, मूल पैमाने और गैर गोलाकार चालें |journal=[[एस्ट्रोफिजिकल जर्नल]] |volume=700 |issue=1 |pages=137–148 |arxiv=0902.3913 |bibcode=2009ApJ...700..137R |doi=10.1088/0004-637X/700/1/137}}</ref><ref name="pasj59_5">{{Cite journal |last=हिरोता |first=तोमोया |last2=बुशिमाता |first2=ताकेशी |last3=चोई |first3=यून क्युंग |last4=होन्मा |first4=मारेकी |last5=इमाई |first5=हिरोशी |last6=इवादाते |first6=केन्ज़ाबुरो |last7=जाइक |first7=तकाई |last8=कामेनो |first8=सेईजी |last9=कामेया |first9=ओसामु |displayauthors=1 |date=2007 |title=Distance to Orion KL Measured with VERA | |trans-title=ओरायन केल की दूरी वेरा से मापी गई |journal=[[जापान के खगोल समाज का प्रकाशन]] |volume=59 |issue=5 |pages=897–903 |arxiv=0705.3792 |bibcode=2007PASJ...59..897H |doi=10.1093/pasj/59.5.897}}</ref> यह नीहारिका सबसे नज़दीकी विशाल [[तारा निर्माण]] क्षेत्र भी है। एम42 नीहारिका के 24 प्रकाश वर्ष क्षेत्र में फैले होने का अनुमान है और इसका द्रव्यमान [[सूर्य]] से लगभग 2,000 गुना अधिक है। पुराने ग्रंथों में अक्सर इसे ओरायन नक्षत्रमण्डल की '''महान नेबुला''' अथवा '''महान ओरायन नेबुला''' भी कहा जाता रहा है।
'''ओरायन नीहारिका''' अथवा '''ओरायन नेबुला''' (Orion Nebula), जो '''मेसियर 42''', '''एम42''', या '''एनजीसी 1976''' के नाम से भी जानी जाती है, हमारी [[आकाशगंगा]] में स्थित एक [[विसरित नीहारिका]] है। यह [[कालपुरुष तारामंडल |ओरायन नक्षत्रमण्डल]] में [[कालपुरुष का कमरबन्द |ओरायन के बेल्ट]] के दक्षिण में [[ओरायन की तलवार]] के मध्य स्थित है। {{Ref label |B |b |none}} यह सबसे चमकीली [[नीहारिका |नीहारिकाओं]] में से एक है और रात के आकाश में [[नग्न आँख |नग्न आंखों]] से भी दिखाई देती है। हमारी [[पृथ्वी]] से {{Convert |1,344 |+/- |20 |ly |pc |lk=on}} की दूरी पर स्थित<ref name="arxiv0902">{{Cite journal |last=रीड |first=एम. जे. |last2=मेन्टेन |first2=के. एम. |last3=झेंग |first3=एक्स. डब्ल्यु. |last4=ब्रुन्थैलर |first4=ए. |last5=मोस्काडेली |first5=एल. |last6=क्जु |first6=वाई. |last7=झांग |first7=बी. |last8=सातो |first8=एम. |last9=होन्मा |first9=एम. |displayauthors=1 |date=2009 |title=Trigonometric Parallaxes of Massive Star Forming Regions: VI. Galactic Structure, Fundamental Parameters and Non-Circular Motions |trans-title=विशाल तारा निर्माण क्षेत्रों के त्रिकोणीय लंबन: ६ - गांगेय ढाँचे, मूल पैमाने और गैर गोलाकार चालें |journal=[[एस्ट्रोफिजिकल जर्नल]] |volume=700 |issue=1 |pages=137–148 |arxiv=0902.3913 |bibcode=2009ApJ...700..137R |doi=10.1088/0004-637X/700/1/137}}</ref><ref name="pasj59_5">{{Cite journal |last=हिरोता |first=तोमोया |last2=बुशिमाता |first2=ताकेशी |last3=चोई |first3=यून क्युंग |last4=होन्मा |first4=मारेकी |last5=इमाई |first5=हिरोशी |last6=इवादाते |first6=केन्ज़ाबुरो |last7=जाइक |first7=तकाई |last8=कामेनो |first8=सेईजी |last9=कामेया |first9=ओसामु |displayauthors=1 |date=2007 |title=Distance to Orion KL Measured with VERA | |trans-title=ओरायन केल की दूरी वेरा से मापी गई |journal=[[जापान के खगोल समाज का प्रकाशन]] |volume=59 |issue=5 |pages=897–903 |arxiv=0705.3792 |bibcode=2007PASJ...59..897H |doi=10.1093/pasj/59.5.897}}</ref> यह नीहारिका सबसे नज़दीकी विशाल [[तारा निर्माण]] क्षेत्र भी है। एम42 नीहारिका के 24 प्रकाश वर्ष क्षेत्र में फैले होने का अनुमान है और इसका द्रव्यमान [[सूर्य]] से लगभग 2,000 गुना अधिक है। पुराने ग्रंथों में अक्सर इसे ओरायन नक्षत्रमण्डल की '''महान नेबुला''' अथवा '''महान ओरायन नेबुला''' भी कहा जाता रहा है।


ओरायन नीहारिका रात्रिकालीन आकाश की सबसे अधिक अन्वीक्षित और छायाचित्रित चीजों में से एक है और साथ ही यह सर्वाधिक गहन खगोलीय अध्ययनों से होकर गुजरने वाली ब्रह्मांडीय चीजों में से भी एक है।<ref name="successor">Press release, "{{cite web |url=http://cfa-www.harvard.edu/press/pr0605.html |title=Astronomers Spot The Great Orion Nebula's Successor |trans-title=खगोलविदों ने महान ओरायन नीहारिका के उत्तराधिकारी की तलाश की |publisher=हॉर्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स |date=2006-02-18}} {{Webarchive |url=https://web.archive.org/web/20060218083305/http://cfa-www.harvard.edu/press/pr0605.html |date=2006-02-18}}", , 2006.</ref> गैसों और धूल के बादलों के ढहने और संकुचित होने से [[तारा |तारों]] और [[सौर मंडल का गठन और विकास |ग्रह प्रणाली]] के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में इस नीहारिका ने हमें बहुत कुछ बताया है। खगोलविदों ने नीहारिका के भीतर [[आदिग्रह चक्र |प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क]] और [[भूरा बौना |भूरे रंग के बौनों]], गैस की [[प्रक्षुब्ध प्रवाह |तीव्र और अशांत गतियों]] और नीहारिका में बड़े पैमाने पर पास के सितारों के [[फोटो-आयनीकरण]] प्रभावों को सीधे देखा है।
ओरायन नीहारिका रात्रिकालीन आकाश की सबसे अधिक अन्वीक्षित और छायाचित्रित चीजों में से एक है और साथ ही यह सर्वाधिक गहन खगोलीय अध्ययनों से होकर गुजरने वाली ब्रह्मांडीय चीजों में से भी एक है।<ref name="successor">Press release, "{{cite web |url=http://cfa-www.harvard.edu/press/pr0605.html |title=Astronomers Spot The Great Orion Nebula's Successor |trans-title=खगोलविदों ने महान ओरायन नीहारिका के उत्तराधिकारी की तलाश की |publisher=हॉर्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स |date=2006-02-18 |access-date=24 दिसंबर 2021 |archive-date=18 फ़रवरी 2006 |archive-url=https://web.archive.org/web/20060218083305/http://cfa-www.harvard.edu/press/pr0605.html |url-status=dead }}", , 2006.</ref> गैसों और धूल के बादलों के ढहने और संकुचित होने से [[तारा |तारों]] और [[सौर मंडल का गठन और विकास |ग्रह प्रणाली]] के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में इस नीहारिका ने हमें बहुत कुछ बताया है। खगोलविदों ने नीहारिका के भीतर [[आदिग्रह चक्र |प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क]] और [[भूरा बौना |भूरे रंग के बौनों]], गैस की [[प्रक्षुब्ध प्रवाह |तीव्र और अशांत गतियों]] और नीहारिका में बड़े पैमाने पर पास के सितारों के [[फोटो-आयनीकरण]] प्रभावों को सीधे देखा है।


== भौतिक विशेषतायें ==
== भौतिक विशेषतायें ==
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इस नीहारिका का पहला प्रकाशित अवलोकन [[ल्यूसर्न]] के जेसुइट गणितज्ञ और खगोलशास्त्री [[जोहान बैपटिस्ट सिसैट]] ने धूमकेतुओं पर अपने 1619 के विशेष निबंध (मोनोग्राफ) में किया था (जिसमें नीहारिका के 1611 तक के उनके अवलोकनों का वर्णन हो सकता है)।<ref>{{Cite journal |date=10 जून 1916 |title=The Discoverer of the Great Nebula in Orion |trans-title=ओरायन में महान नीहारिका का खोजकर्ता |url=https://books.google.com/books?id=98sxAQAAMAAJ&pg=PA615 |journal=[[साइंटिफिक अमेरिकन]] |volume=114 |page=615}}</ref><ref>{{Cite journal |last=लिअन् |first=डब्ल्यु. |date=June 1887 |title=First Discovery of The Great Nebula in Orion |trans-title=ओरायन में महान नीहारिका की पहली खोज |journal=द ऑबज़र्वेट्री |volume=10 |pages=232 |bibcode=1887Obs....10R.232L}}</ref> उन्होंने इसके और 1618 में देखे गए एक चमकीले [[धूमकेतु]] के बीच तुलना की और वर्णन किया कि कैसे नीहारिका उनकी दूरबीन के माध्यम से दिखाई दी:
इस नीहारिका का पहला प्रकाशित अवलोकन [[ल्यूसर्न]] के जेसुइट गणितज्ञ और खगोलशास्त्री [[जोहान बैपटिस्ट सिसैट]] ने धूमकेतुओं पर अपने 1619 के विशेष निबंध (मोनोग्राफ) में किया था (जिसमें नीहारिका के 1611 तक के उनके अवलोकनों का वर्णन हो सकता है)।<ref>{{Cite journal |date=10 जून 1916 |title=The Discoverer of the Great Nebula in Orion |trans-title=ओरायन में महान नीहारिका का खोजकर्ता |url=https://books.google.com/books?id=98sxAQAAMAAJ&pg=PA615 |journal=[[साइंटिफिक अमेरिकन]] |volume=114 |page=615}}</ref><ref>{{Cite journal |last=लिअन् |first=डब्ल्यु. |date=June 1887 |title=First Discovery of The Great Nebula in Orion |trans-title=ओरायन में महान नीहारिका की पहली खोज |journal=द ऑबज़र्वेट्री |volume=10 |pages=232 |bibcode=1887Obs....10R.232L}}</ref> उन्होंने इसके और 1618 में देखे गए एक चमकीले [[धूमकेतु]] के बीच तुलना की और वर्णन किया कि कैसे नीहारिका उनकी दूरबीन के माध्यम से दिखाई दी:
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{{quote|यह दिखता है कि कैसे कुछ तारे एक बहुत ही संकीर्ण स्थान में संकुचित हो जाते हैं और कैसे चारों ओर और सितारों के बीच जैसे एक सफेद बादल के जैसा एक सफेद प्रकाश निकलता है।}} <ref name=Schreiber>{{cite journal |url=https://books.google.com/books?id=_hTyAAAAMAAJ&pg=PA101 |last=स्क्रीबर |first=जॉन |title=Jesuit Astronomy |trans-title=जेसुइट खगोलशास्त्र |journal=[[पॉपुलर एस्ट्रोनॉमी (अमेरिकी पत्रिका) |पॉपुलर एस्ट्रोनॉमी]] |volume=12 |date=1904 |page=101|quote="one sees how in like manner some stars are compressed into a very narrow space and how round about and between the stars a white light like that of a white cloud is poured out"}}</ref>
केंद्र के सितारों का उनका विवरण धूमकेतु के सिर से अलग है, जिसमें वे "आयत" के आकार के थे, यह शायद [[ट्रेपेज़ियम क्लस्टर]] का प्रारंभिक विवरण हो सकता है।<ref name="James_cs1" /><ref>
केंद्र के सितारों का उनका विवरण धूमकेतु के सिर से अलग है, जिसमें वे "आयत" के आकार के थे, यह शायद [[ट्रेपेज़ियम क्लस्टर]] का प्रारंभिक विवरण हो सकता है।<ref name="James_cs1" /><ref>
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== तारा गठन ==
== तारा गठन ==
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[[चित्र:The_Orion_A_molecular_cloud_from_VISTA.jpg |अंगूठाकार | विस्टा दूरदर्शी से लिया गया ''ओरायन का आणविक बादल कई युवा सितारों और अन्य वस्तुओं'' को प्रकट करता एक चित्र।<ref>{{Cite web |url=https://www.eso.org/public/news/eso1701/ |title=Hidden Secrets of Orion's Clouds – VISTA survey gives most detailed view of Orion A molecular cloud in the near-infrared |trans-title=ओरायन के बादलों छुपे रहस्य - विस्ता सर्वेक्षण ने इंफ्रारेड में ओरायन आणविक बादलों का विस्तृत वर्णन किया |website=www.eso.org |access-date=5 जनवरी 2017}}</ref>]]
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ओरायन नीहारिका [[तारा निर्माण |तारकीय नर्सरी]] का एक उदाहरण है जहां नए सितारे पैदा हो रहे हैं। नीहारिका के प्रेक्षणों ने नीहारिका के भीतर गठन के विभिन्न चरणों में लगभग 700 तारे प्रकट किए हैं।
ओरायन नीहारिका [[तारा निर्माण |तारकीय नर्सरी]] का एक उदाहरण है जहां नए सितारे पैदा हो रहे हैं। नीहारिका के प्रेक्षणों ने नीहारिका के भीतर गठन के विभिन्न चरणों में लगभग 700 तारे प्रकट किए हैं।
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<li>{{Note label |C |c |none}}C. Robert O'Dell commented about this Wikipedia article, "The only egregious error is the last sentence in the Stellar Formation section. It should actually read
<li>{{Note label |C |c |none}}C. Robert O'Dell commented about this Wikipedia article, "The only egregious error is the last sentence in the Stellar Formation section. It should actually read

00:08, 31 दिसम्बर 2021 का अवतरण

ओरायन नीहारिका
विसरित नीहारिका
दृश्य प्रकाश और इंफ्रारेड वर्णक्रमों में संपूर्ण ओरायन नीहारिका का एक मिश्रित चित्र, 2006 में हबल दूरदर्शी द्वारा लिया गया। यह एकल चित्र नहीं अपितु कई चित्रों का एक मोज़ेक है।
निगरानी आँकणे: J2000 युगारम्भ
उपप्रकारपरावर्ती/उत्सर्जन[2]
दायाँ आरोहण05 h 35 m 17.3s[1]
झुकाव-05 ° 23 ′ 28″[1]
दूरी1,344±20 ly   (412[3] pc)
सापेक्ष कांतिमान (V)+4.0[4]
सापेक्ष परिमाण(V)65×60 आर्कमिनट[5]
नक्षत्रमंडलओरायन
भौतिक लक्षण
त्रिज्या12[a ] ly
निरपेक्ष कांतिमान (V)
विशेषताएँसमलंब समूह
पदनामएनजीसी 1976, एम42,
एलबीएन 974, शार्पलेस 281
देखें: नीहारिकाओं की सूची

ओरायन नीहारिका अथवा ओरायन नेबुला (Orion Nebula), जो मेसियर 42, एम42, या एनजीसी 1976 के नाम से भी जानी जाती है, हमारी आकाशगंगा में स्थित एक विसरित नीहारिका है। यह ओरायन नक्षत्रमण्डल में ओरायन के बेल्ट के दक्षिण में ओरायन की तलवार के मध्य स्थित है। [b ] यह सबसे चमकीली नीहारिकाओं में से एक है और रात के आकाश में नग्न आंखों से भी दिखाई देती है। हमारी पृथ्वी से 1,344 ± 20 प्रकाश वर्ष (412.1 ± 6.1 पारसेक) की दूरी पर स्थित[3][6] यह नीहारिका सबसे नज़दीकी विशाल तारा निर्माण क्षेत्र भी है। एम42 नीहारिका के 24 प्रकाश वर्ष क्षेत्र में फैले होने का अनुमान है और इसका द्रव्यमान सूर्य से लगभग 2,000 गुना अधिक है। पुराने ग्रंथों में अक्सर इसे ओरायन नक्षत्रमण्डल की महान नेबुला अथवा महान ओरायन नेबुला भी कहा जाता रहा है।

ओरायन नीहारिका रात्रिकालीन आकाश की सबसे अधिक अन्वीक्षित और छायाचित्रित चीजों में से एक है और साथ ही यह सर्वाधिक गहन खगोलीय अध्ययनों से होकर गुजरने वाली ब्रह्मांडीय चीजों में से भी एक है।[7] गैसों और धूल के बादलों के ढहने और संकुचित होने से तारों और ग्रह प्रणाली के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में इस नीहारिका ने हमें बहुत कुछ बताया है। खगोलविदों ने नीहारिका के भीतर प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क और भूरे रंग के बौनों, गैस की तीव्र और अशांत गतियों और नीहारिका में बड़े पैमाने पर पास के सितारों के फोटो-आयनीकरण प्रभावों को सीधे देखा है।

भौतिक विशेषतायें

ओरायन नेबुला की अवस्थिति, तारा-निर्माण क्षेत्र के भीतर क्या दीखता है, और नेबुला को आकार देने में इंटरस्टेलर हवाओं के प्रभाव पर एक चर्चा।
ओरायन तारामंडल में ओरायन नेबुला की अवस्थिति (निचले मध्यभाग में)।

ओरायन नीहारिका बिना किसी यंत्र की सहायता के, नग्न आंखों से भी दिखाई देती है, भले ही इसे किसी कुछ हद तक प्रकाश प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र से भी देखा जाय। आकाश में ओरायन नामक शिकारी या कालपुरुष की "तलवार" उसके कमरबन्द (बेल्ट) के दक्षिण में तीन सितारों के रूप में नीचे की ओर लटकी हुई स्थित कल्पित की जाती है और यह नीहारिका इसी तीन सितारों रुपी तलवार के बिचले "सितारे" के रूप में दिखाई पड़ती है। तेज-तर्रार पर्यवेक्षकों को यह बिचला तारा कुछ लिपा-पुता जैसा दिखाई देता है, और दूरबीन या एक छोटी दूरबीन के माध्यम से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कोई तारा नहीं बल्कि एक चमकीला धुंधला विस्तृत प्रकाशक्षेत्र है। इस प्रकाशक्षेत्र अर्थात ओरायन नीहारिका के मध्य क्षेत्र की सतह की सर्वाधिक चमक 17 परिमाण/ आर्कसेकेंड 2 (लगभग 14 मिली निट्स) और बाहरी नीले गैसीय आवरण की सर्वोत्तम चमक 21.3 परिमाण/ आर्कमिनट 2 (लगभग 0.27 मिलिनिट्स) है।[8] (यहां दी गई तस्वीरों में यह चमक एक बड़े गुणक द्वारा बढ़ा कर दिखाई गई है।)

ओरायन नीहारिका में एक बहुत ही नया खुला तारागुच्छ है, जिसे समलंब (ट्रैपेज़ियम क्लस्टर) के रूप में जाना जाता है जिसका कारण इसके प्राथमिक चार सितारों का नक्षत्रीकरण है। इनमें से दो को रात में उनके घटक द्वितारा प्रणालियों में अच्छी तरह से देखने पर अलग किया जा सकता है, जिससे कुल छह सितारे मिलते हैं। समलंब के तारे, कई अन्य सितारों के साथ, अभी भी अपने प्रारंभिक वर्षों में हैं। ट्रेपेज़ियम क्लस्टर बहुत बड़ी ओरायन नीहारिका का एक छोटा घटक मात्र है जो 20 प्रकाशवर्ष के व्यास के भीतर लगभग 2,800 सितारों का एक समूह है।[9] 20 लाख साल पहले यह समूह इससे भागे हुए सितारों एई ऑरिगे, 53 एरियेटिस और म्यु कोलंबे का घर रहा होगा जो 100किमी/सेकंड से अधिक गति से नीहारिका से दूर जा रहे हैं।[10]

रंग प्रतिरूप

पर्यवेक्षकों ने लाल और नीले-बैंगनी क्षेत्रों के अलावा, नीहारिका की एक विशिष्ट हरे रंग की आभा को लंबे समय से नोट किया है। लाल रंग 656.3 एनएम के तरंग दैर्ध्य पर पुनर्संयोजन रेखा विकिरण का परिणाम है। नीला-बैंगनी रंग नीहारिका के मूल में बड़े पैमाने पर ओ-क्लास सितारों से परावर्तित विकिरण है।

20वीं सदी के शुरुआती दौर में हरे रंग की आभा खगोलविदों के लिए एक पहेली थी क्योंकि उस समय की कोई भी ज्ञात वर्णक्रमीय रेखाएं इसकी व्याख्या नहीं कर पा रही थीं। कुछ अटकलें थीं कि रेखाएं एक नए तत्व के कारण होती हैं, और नेबुलियम नाम इस रहस्यमय सामग्री के लिए गढ़ा गया था। हालांकि, परमाणु भौतिकी की बेहतर समझ के साथ बाद में यह निर्धारित किया गया कि हरे रंग का वर्णक्रम दोगुने आयनित ऑक्सीजन में एक कम संभावना वाले इलेक्ट्रॉन संक्रमण के कारण होता है, जो कि एक तथाकथित " निषिद्ध प्रक्रिया " है। उस समय प्रयोगशाला में इस विकिरण का पुनरुत्पादन असंभव था, क्योंकि यह गहरे अंतरिक्ष के उच्च निर्वात में पाए जाने वाले मौन और लगभग टकराव मुक्त वातावरण पर निर्भर करता था।[11]

इतिहास

मेसियर ने अपने 1771 के संस्मरण मेमोयर्स डे ल'एकडेमी रोयाल में ओरायन नेबुला का चित्रण किया।

ऐसा अनुमान है कि मध्य अमेरिका के माया लोगों ने उनके "तीन हर्थस्टोन्स" निर्माण मिथक में इस नीहारिका का वर्णन किया है; यदि ऐसा है, तो तीनों ओरायन, रिगेल और सैफ के आधार पर दो सितारों के अनुरूप होंगे, और दूसरा, अलनीतक कल्पित शिकारी की "बेल्ट" की नोक पर, लगभग पूर्ण समबाहु त्रिभुज के शिखर पर होगा। त्रिकोण के बीच में ओरायन की तलवार (ओरायन नीहारिका सहित) के साथ एक आधुनिक मिथक में कोपल धूप से धुएं की धुंध के रूप में देखा जाता है।[12][13]

न तो टॉलेमी के अल्मागेस्ट और न ही अल सूफी की बुक ऑफ फिक्स्ड स्टार्स ने इस नीहारिका के बारे में लिखा है, भले ही दोनों ने रात के आकाश में अन्य स्थानों पर और अस्पष्ट धब्बों को सूचीबद्ध किया; न ही गैलीलियो ने इसका उल्लेख किया, भले ही उन्होंने 1610 और 1617 में इसके चारों ओर दूरबीन से अवलोकन भी किए।[14] इसने कुछ अटकलों को जन्म दिया है कि चमकीले सितारों के कुछ शताब्दियों पहले भड़कने से नीहारिका की चमक बढ़ी है।[15]

ओरायन नीहारिका के फैलाव की अस्पष्ट प्रकृति की पहली बार खोज का श्रेय आम तौर पर फ्राँसीसी खगोलशास्त्री निकोलस क्लाउड फब्री द पेयरेस्क को दिया जाता है जिन्होंने 26 नवंबर, 1610 को, इसके अवलोकन का एक कीर्तिमान एक अपवर्ती दूरदर्शी की सहायता से बनाया जिसे उन्होंने अपने संरक्षक गुयलौमे डू वैर से खरीदा था।[16]

इस नीहारिका का पहला प्रकाशित अवलोकन ल्यूसर्न के जेसुइट गणितज्ञ और खगोलशास्त्री जोहान बैपटिस्ट सिसैट ने धूमकेतुओं पर अपने 1619 के विशेष निबंध (मोनोग्राफ) में किया था (जिसमें नीहारिका के 1611 तक के उनके अवलोकनों का वर्णन हो सकता है)।[17][18] उन्होंने इसके और 1618 में देखे गए एक चमकीले धूमकेतु के बीच तुलना की और वर्णन किया कि कैसे नीहारिका उनकी दूरबीन के माध्यम से दिखाई दी:

यह दिखता है कि कैसे कुछ तारे एक बहुत ही संकीर्ण स्थान में संकुचित हो जाते हैं और कैसे चारों ओर और सितारों के बीच जैसे एक सफेद बादल के जैसा एक सफेद प्रकाश निकलता है।

[19]

केंद्र के सितारों का उनका विवरण धूमकेतु के सिर से अलग है, जिसमें वे "आयत" के आकार के थे, यह शायद ट्रेपेज़ियम क्लस्टर का प्रारंभिक विवरण हो सकता है।[16][20] (इस क्लस्टर के चार सितारों में से तीन का पहली बार पता लगाने का श्रेय 4 फरवरी, 1617 में गैलीलियो गैलीली को दिया गया था, हालांकि उन्होंने आसपास के नीहारिकाओं पर ध्यान नहीं दिया था - संभवतः उनकी प्रारंभिक दूरबीन की दृष्टि के संकीर्ण क्षेत्र के कारण।[21] )

निम्नलिखित वर्षों में कई अन्य प्रमुख खगोलविदों द्वारा इस नीहारिका को स्वतंत्र रूप से "खोजा गया" (हालांकि यह नग्न आंखों के लिए दृश्यमान) था, जिसमें जियोवानी बतिस्ता होडिएर्ना (जिसका स्केच पहली बार डी सिस्टमेट ऑर्बिस कॉमेटिसी, डेक एडमिरंडिस कोली कैरेक्टिबस में प्रकाशित हुआ था) का अवलोकन भी शामिल था।[22]

चार्ल्स मेसियर ने 4 मार्च 1769 को नीहारिका का अवलोकन किया और उन्होंने असमांतरभुज (ट्रेपेज़ियम) के तीन तारों को भी नोट किया। मेसियर ने 1774 में (1771 में पूर्ण) गहरे आकाश की वस्तुओं की अपनी सूची का पहला संस्करण प्रकाशित किया।[23] चूंकि ओरायन नीहारिका उनकी सूची में 42 वीं वस्तु थी, इसलिए इसे एम 42 के रूप में पहचाना जाने लगा।

हेनरी ड्रेपर की ओरायन नेबुला की 1880 की पहली तस्वीर।
एंड्रयू आइंस्ली कॉमन की ओरायन नीहारिका की 1883 की तस्वीरों में से एक, पहली बार यह दिखाने के लिए कि एक लंबा अनावरण (एक्सपोजर) मानव आंखों के लिए अदृश्य नए तारों और नीहारिका की छवि खींच सकता है।

1865 में अंग्रेजी शौकिया खगोलशास्त्री विलियम हगिंस ने अपनी दृश्य स्पेक्ट्रोस्कोपी पद्धति का उपयोग करके नेबुला की जांच करने के लिए इसे दिखाया, जैसे अन्य नीहारिकाओं की उन्होंने जांच की थी, जो "चमकदार गैस" से बनी थीं। 30 सितंबर, 1880 को हेनरी ड्रेपर ने 11 इंच (28सेमी) वाली अपवर्तक दूरबीन के साथ नई सूखी प्लेट वाली फोटोग्राफिक प्रक्रिया का उपयोग ओरायन नीहारिका के 51 मिनट का एक्सपोजर बनाने के लिए किया, जो कि इतिहास में एक नीहारिका की खगोलीय फोटोग्राफी का पहला उदाहरण है। 1883 में नीहारिका की तस्वीरों के एक और सेट ने खगोलीय फोटोग्राफी में एक सफलता देखी, जब शौकिया खगोलशास्त्री एंड्रयू आइंस्ली कॉमन ने 36-इंच (91सेमी) की परावर्तक दूरबीन जिसका निर्माण उन्होंने ईलिंग, पश्चिम लंदन में अपने घर के पिछवाड़े में किया था, के साथ 60 मिनट तक एक्सपोज़र में कई छवियों को रिकॉर्ड करने के लिए सूखी प्लेट प्रक्रिया का उपयोग किया। इन छवियों में पहली बार तारे और नीहारिकाओं का इतना मंद विवरण दिखाया गया है कि मानव आंखों से देखा नहीं जा सकता।[24]

1902 में, वोगेल और एबरहार्ड ने नीहारिका के भीतर अलग-अलग वेगों की खोज की, और 1914 तक मार्सिले के खगोलविदों ने घूर्णन और अनियमित गति का पता लगाने के लिए इंटरफेरोमीटर का उपयोग किया था। कैंपबेल और मूर ने नेबुला के भीतर मची अशांति को दिखाते हुए, स्पेक्ट्रोग्राफ का उपयोग करके इन परिणामों की पुष्टि की।[25]

1931 में, रॉबर्ट जे ट्रम्पलर ने कहा कि समलंब के निकट हल्के सितारे एक समूह का गठन कर रहे हैं, और उन्होंने पहली बार उन्हें ट्रैपेज़ियम क्लस्टर नाम दिया। उनके परिमाण और वर्णक्रमीय प्रकारों के आधार पर, उन्होंने उनके 1,800 प्रकाश वर्ष की दूरी पर होने का अनुमान लगाया। यह इस अवधि के सामान्य रूप से स्वीकृत दूरी के अनुमान से तीन गुना अधिक था लेकिन आधुनिक समय में गणित मूल्य के काफी करीब था।[26]

1993 में, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार ओरायन नीहारिका का अवलोकन किया। तब से, नेबुला एचएसटी अध्ययनों के लिए लगातार लक्ष्य रहा है। छवियों का उपयोग तीन आयामों में नीहारिका के विस्तृत मॉडल के निर्माण के लिए किया गया है। नीहारिका में अधिकांश नवगठित सितारों के आसपास आदिग्रह चक्र देखे गए हैं, और सबसे बड़े सितारों से पराबैंगनी ऊर्जा के उच्च स्तर के विनाशकारी प्रभावों का अध्ययन किया गया है।[27]

2005 में, हबल स्पेस टेलीस्कॉप के सर्वेक्षण उपकरण के लिए उन्नत कैमरा ने अभी तक ली गई नीहारिका की सबसे विस्तृत छवि को लेना बंद कर दिया था। छवि को दूरबीन की 104 कक्षाओं की सहायता से लिया गया था, जिसमें 3,000 से अधिक सितारों को 23 वें परिमाण में लिया गया था, जिसमें शिशु भूरे रंग के बौने और संभावित भूरे रंग के बौने द्वितारे शामिल थे ।[28] एक साल बाद, एचएसटी के साथ काम करने वाले वैज्ञानिकों ने ग्रहण करने वाले द्विआधारी भूरे रंग के बौनों की एक जोड़ी के पहले द्रव्यमान 2MASS J05352184–0546085 की घोषणा की। यह जोड़ी ओरायन नीहारिका में स्थित है और इनका अनुमानित द्रव्यमान 0.054 M और 0.034 M क्रमश: 9.8 दिनों की एक कक्षीय अवधि के साथ है। हैरानी की बात यह है कि दोनों में से एक जितना अधिक विशाल था, उतना ही कम चमकदार निकला।[29]

संरचना

ओरायन नेबुला के तारों का एक मानचित्र।
ऑप्टिकल छवियां ओरायन नेबुला में गैस और धूल के बादलों को प्रकट करती हैं; एक अवरक्त छवि (दाएं) भीतर चमकते नए सितारों को प्रकट करती है।

ओरायन नीहारिका की संपूर्णता आकाश के 1 ° क्षेत्र में फैली हुई है, और इसमें गैस और धूल के तटस्थ बादल, सितारों का जुड़ाव, गैस की आयनित मात्रा और प्रतिबिंब नीहारिकाएँ शामिल हैं ।

ओरायन नीहारिका एक बहुत बड़े नीहारिका का हिस्सा है जिसे ओरायन मॉलिक्यूलर क्लाउड कॉम्प्लेक्स के रूप में जाना जाता है। ओरायन आणविक बादल ओरायन नक्षत्र के पूरे परिसर में फैले हुए हैं जिसमें शामिल है बर्नार्ड की लूप, घुड़सिरा नीहारिका, एम43, एम78, और लौ नीहारिका। पूरे बादल परिसर में तारे बन रहे हैं, लेकिन अधिकांश युवा तारे ओरायन नीहारिका को रोशन करने वाले घने समूहों में केंद्रित हैं।[30][31]

तारा गठन

विस्टा दूरदर्शी से लिया गया ओरायन का आणविक बादल कई युवा सितारों और अन्य वस्तुओं को प्रकट करता एक चित्र।[32]

ओरायन नीहारिका तारकीय नर्सरी का एक उदाहरण है जहां नए सितारे पैदा हो रहे हैं। नीहारिका के प्रेक्षणों ने नीहारिका के भीतर गठन के विभिन्न चरणों में लगभग 700 तारे प्रकट किए हैं।

विकास

हबल टेलीस्कोप द्वारा ली गई नीहारिका के केंद्र की मनोरम छवि। यह दृश्य लगभग 2.5 प्रकाश वर्ष में फैला है। ट्रेपेज़ियम बाईं ओर केंद्र में है।
हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा लिए गए ओरायन नेबुला के भीतर कई प्रॉपलीड्स का दृश्य
ओरायन में तारा निर्माण की आतिशबाजी

अंतरतारकीय बादल जैसे ओरायन नीहारिका समस्त अंतरिक्ष में विभिन्न आकाशगंगाओं में पाए जाते हैं जैसे कि मंदाकिनी आकाशगंगा में। वे ठंडे, तटस्थ हाइड्रोजन के गुरुत्वाकर्षण से बंधे हुए बूँद के रूप में शुरू होते हैं, अन्य तत्वों के कणों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। बादल के सैकड़ों हजारों तक सौर द्रव्यमान हो सकते हैं और ये सैकड़ों प्रकाश वर्ष तक फैल सकते हैं। गुरुत्वाकर्षण का छोटा सा बल जो बादल को ढहने के लिए मजबूर कर सकता है, बादल में गैस के बहुत कम दबाव से असंतुलित हो जाता है।

चाहे एक सर्पिल भुजा के साथ टकराव के कारण, या सुपरनोवा से उत्सर्जित शॉक वेव के माध्यम से, परमाणु भारी अणुओं में अवक्षेपित हो जाते हैं और परिणाम एक आणविक बादल होता है। यह बादल के भीतर सितारों के गठन की भविष्यवाणी करता है, जिसे आमतौर पर 1 से 3 करोड़ वर्ष की अवधि के भीतर माना जाता है, जैसे-जैसे क्षेत्र जीन्स द्रव्यमान से गुजरते हैं और अस्थिर मात्राएँ चक्री में ढह या मिल जाती हैं, तारों का निर्माण होता रहता है। चक्री या डिस्क तारा बनाने के लिए एक कोर (मूल क्षेत्र) पर केंद्रित होती है, जो एक आदिग्रह चक्र से घिरी हो सकती है। यह नीहारिका के विकास का वर्तमान चरण है, जिसमें अतिरिक्त तारे अभी भी संकुचित होने वाले आणविक बादल से बनते हैं। अभी हम ओरायन नीहारिका में सबसे कम उम्र के और सबसे चमकीले तारे देखते हैं, जिनकी उम्र 300,000 साल से कम है,[33] और सबसे चमकीले सितारे केवल 10,000 साल की उम्र के हो सकते हैं। इनमें से कुछ संकुचित होने वाले तारे विशेष रूप से बड़े पैमाने पर हो सकते हैं, और बड़ी मात्रा में आयनकारी पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण ट्रेपेज़ियम क्लस्टर के साथ देखा जाता है। समय के साथ नीहारिका के केंद्र में बड़े सितारों से पराबैंगनी प्रकाश फोटो वाष्पीकरण नामक एक प्रक्रिया में आसपास की गैस और धूल को दूर धकेल देगा। यह प्रक्रिया नीहारिका की आंतरिक गुहा बनाने के लिए जिम्मेदार है, जिससे इसके केंद्र के तारे पृथ्वी से देखे जा सकेगें।[7] इनमें से सबसे बड़े तारों का जीवनकाल छोटा होता है और वे सुपरनोवा बनने के लिए विकसित होंगे।

लगभग 100,000 वर्षों के भीतर, अधिकांश गैस और धूल बाहर निकल जाएगी। अवशेष एक युवा खुले समूह का निर्माण करेंगे, पहले के बादलों के धुंधले तंतुओं से घिरे उज्ज्वल, युवा सितारों का समूह।[34]

इन्हें भी देखें

टिप्पणियाँ

  1. ^ 1,270 × tan( 66′ / 2 ) = 12 प्रव. त्रिज्या
  2. ^ उत्तरी गोलार्ध के शांत व साफ क्षेत्रों में नीहारिका ओरायन की कमरबन्द के नीचे दिखती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध के साफ क्षेत्रों से यह कमरबन्द के उपर दिखती है।

संदर्भ

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बाहरी कड़ियाँ