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निर्वाह

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

निर्वाह करना । उ॰—ताते न तरनि ते, न सरे सुधाकर हूँ ते सहज समाधि निरबही है ।—तुलसी (शब्द॰) ।

निर्वाह संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी क्रम या परंपरा का चला चलना । किसी बात का जारी रहना । निबाह । जैसे, प्रीति का निर्वाह, कार्य का निर्वाह ।

२. किसी बात के अनुसार बराबर आचरण । पालन । जैसे, प्रतिज्ञा का निर्वाह, वचन का निर्वाह ।

३. समाप्ति । पूरा होना ।

४. गुजारा ।